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चौहान वंश की कुलदेवी श्री आशापुरा माता जी

चौहान वंश की कुलदेवी श्री आशापुरा माता जी



 चौहान वंश की कुलदेवी श्री आशापुरा माता जी नाडौल , राजिस्थान


 राजिस्थान के जिला पाली में नाडौल के शासक परम प्रतापी   महाराजा राव लाखणसी जी चौहान द्वारा स्थापित माँ श्री आशापुरा  माता जी का पवित्र स्थान देवनगर नाडौल का भव्य तीर्थ स्थल है , कई विशाल पौराणिक मंदिरो और ऐतिहासिक विशाल बावडियों और परकोटों की धरोहर को अपनी ओर समेटे देवनगर नाडौल इन बडे बडे विशाल मंदिरो के कारण अपनी विशेष पहिचान रखे हुये है ,

 विक्रम संवत १००१ में नाडौल के कुछ बदमाशो ने काफी उत्पात  मचाया और वे वहा की गायों को घेर कर ले गये , उस समय यहॉ के  शासक राव लाखणसी जी बहुत विकट परिस्थितियों से गुजर रहे थे , उनके पास सैनिको की भारी कमी थी , क्यो कि कुछ समय पहले किसी बीमारी से उनके अस्तवल के सारे घोडे मर गये थे , ऐसे समय में राव लाखणसी जी ने अपनी कुलदेवी श्री आशापुरा माता जी की आराधना की तब देवी जी ने प्रगट होकर दर्शन दिये , और कहा राजन धैर्य रखो में युद्द में तुम्हारे साथ लडूंगी , तब माता ने यह भी कहा कि दुशमन के घोडे आज ही तुम्हारी घुडसाल में जायेंगे वे सब भंवर रंग के होगें उन पर केसर के छींटे दे देना तो वे घोडे सफेद रंग के हो जायेंगें , उन्हे अपने युद्द में काम लेना , और जब तक पाटण गुजरात को विजय नही कर लो तब तक युद्द बंद मत करना , और आगे चलकर सब कुछ ऐसा ही हुआ जैसा माता श्री आशापुरा जी ने कहा था ,

माँ आशापुरा माता जी का मेला हर साल चैत्र की अष्ठमी को भरता है , श्री राव लाखणसी जी का भव्य जन्मोत्तसव भी प्रति वर्ष मनाया जाता है , जन जन की आराध्य माँ आशापुरा माता जी के दर्शनार्थ भक्त एकत्रित होते है , माँ सभी भक्तो के सब दुख हर लेती है, यहा ठहरने भोजन आदि सभी की व्यवस्थायें मंदिर द्वारा उपलब्ध है ।।

** कृप्या ध्यान दे **

शाकम्भरी देवी साम्भर चौहानो की कुलदेवी है


आशापुरा माता जी या ( महोदरी माता ) जालौर के सोनगरा चौहानो की कुलदेवी है ( मोंदरा ,जालौर)

पहली देवी - कालिका

दूसरी देवी - चामुण्डा

तीसरी देवी - शाकम्भरी

चौथी देवी - आशापुरा माता जी

कुलदेवता - शंकर जी

ईष्टदेव - अचलेश्वर महादेव जी

** जय श्री आशापुरा माता जी **

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