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बेटे के जन्मदिन के दिन ही उसके शहादत की खबर

बेटे के जन्मदिन के दिन ही उसके शहादत की खबर

बेटे के जन्मदिन के दिन ही उसके शहादत की खबर


कल्पना कीजिये कि बेटे के जन्मदिन के दिन ही उसके माता जी या पिता जी को , उसके पत्नी को उसके शहादत की खबर मिले तो क्या गुजरती होगी उस परिवार पर जिसमें मासूम बच्चे हैं ....बहने हैं....
हर व्यक्ति का जन्मदिन साल में एक ही बार होता है। यह दिन हर शख्स के लिए बहुत खास होता है। हर कोई इस दिन को यादगार बनाना चाहता है। इस दिन उसके परिवार में खुशी का माहौल होता है। लेकिन इंडियन आर्मी के इस जवान को क्या पता था कि वह एक दिन बाद आने वाला अपना जन्मदिन अब कभी नहीं मना पाएगा। जी हां, हम बात कर रहे हैं मंगलवार को कुपवाड़ा के माछिल सेक्टर में शहीद हुए जोधपुर के जवान प्रभुसिंह की।


बता दें कुपवाड़ा जिले के माछिल सेक्टर में मंगलवार सुबह पाकिस्तान की बैट (बार्डर एक्शन टीम) ने घात लगाकर किए गए हमले भारतीय सेना के तीन जवान शहीद हो गए। इनमें से एक जवान राजस्थान के जोधपुर जिले के रहने वाला था। इसका नाम प्रभुसिंह है। इतना ही दुश्मन देश के सैनिकों ने प्रभु सिंह के शव के साथ में बरर्बरता भी की। 13 राजपुताना राइफल्स के प्रभूसिंह इन दिनों 57 नेशनल रायफल में तैनात थे।
देश के लिए शहीद होना बड़े गर्व की बात है लेकिन प्रभु सिंह ऐसे समय पर शहीद हुए है कि उनका परिवार इस गम को ताउम्र नहीं भ्भूल पाएगा। प्रभुसिंह का आज यानि बुधवार को जन्मदिन है। वे जन्मदिन से एक दिन पहले मंगलवार को दुश्मन देश के सैनिकों के साथ हुई मुठभेड़ में शहीद हो गए

सूत्रों ने बताया कि पाक सैनिकों ने घात लगाकर हमला करने के बाद प्रभूसिंह के शव को क्षत-विक्षत कर दिया। ऐसा बताया गया कि शहीद होने से पहले प्रभ्भुसिंह अपने दो साथियों के साथ पेट्रोलिंग कर रहे थे, तभी उन पर यह हमला हुआ।
आपको बता दें प्रभुसिंह जोधुपर जिले की शेरगढ़ तहसील के खीरजां खास गांव के रहने वाले थे। वे चार बहनों के इकलौते भाई थे। प्रभुसिंह 2007-08 में सेना में भर्ती हुए थे। दो साल पहले उनकी शादी ओम कंवर के साथ ही थी। उनके एक आठ माह की बच्ची है, जिसका नाम पलक है। प्रभुसिंह दीवाली से चार दिन पहले छुट्टियां पूरी करके ड्यूटी पर लौटे थे।
पिछले कई दिनों से चल रही मुठभेड़ में यह दूसरी बार है जब पाकिस्तान के यह नापाक हरकत सामने आई है। इससे पहले 29 अक्टूबर को भी माछिल सेक्टर में ही पाकिस्तानी सेना ने एक भारतीय जवान के शव के साथ बर्बरता की थी। हालांकि इस बारे में इंडियन आर्मी का यह कहना है पाकिस्तान की इस कायराना हरकत का मुंहतोड़ जवाब दिया जाएगा। गौर हो भारत की ओर से 29 सितंबर को पाक ऑक्युपाइड कश्मीर में की गई सर्जिकल स्ट्राइक के बाद ऐसे हमलों की संख्या में बढ़ोतरी हुई है।
कश्मीर में कुपवाडा सेक्टर स्थित माछिल में जोधपुर के #शेरगढ़ परगने के  खिरजा गांव केश्री प्रभुसिंहराठौड़ दुश्मनों से लोहा लेते हुए शहीद हो गए ..
पूरे विश्व में उनके शहादत की चर्चा हुई | दुश्मनों ने उनके साथ जो अमानवीय बर्बरता की उसको तो कल्पना मात्र से ही मन आक्रोश और क्षोभ से भर उठता है |आज हर एक देशभक्त और मानवतावादी उद्वेलित है.!

शहीद प्रभु सिंह ने अपनी शहादत और बलिदान से क्षत्रिय परंपरा का वह गौरवशाली इतिहास दोहराया है जिसके लिए युगों-युगों से इस समाज को जाना जाता रहा है....

शहीद प्रभु सिंह की कहानीः इकलौता बेटा होने के बावजूद पिता ने फौज में भेजा
जयपुर। जम्मू-कश्मीर के माछिल में पाकिस्तानी सेना से संघर्ष में शहीद हुए जोधपुर के जवान प्रभु सिंह के गांव बांडका सर में शोक की लहर के साथ ही साथ पाकिस्तान की कायराना हरकत को लेकर जबरदस्त गुस्सा भी है। शहीद प्रभु सिंह आठ माह के बेटी पलक के पिता और चार बहनों के इकलौते भाई थे।

जोधपुर के पास खिरजां खास के बांडका सरा निवासी प्रभु सिंह चार साल पहले सेना में भर्ती हुए थे और दो साल पहले ही उनकी ओमकंवर से शादी हुई थी। उनकी आठ माह की बेटी है, जिसका नाम पलक है। उनके पिता चंद्र सिंह भी सेना में थे और पन्द्रह वर्ष पूर्व सेवानिवृत हो गए थे।

चार बेटियों में इकलौता बेटा होने के बावजूद उन्होंने बेटे को सेना में भेजने का साहस दिखाया। प्रभु सिंह पर ही पूरे परिवार की जिम्मेदारी थी। उनकी चार बहनों से से दो की शादी हो चुकी हैं। तीसरी बहन की शादी वें अगली छुट्टियों में करने की तैयारी कर रहे थे।

दीवाली से चार दिन पहले छुट्टी पूरी कर ड्यूटी पर लौटे थें। फायरिंग में शहीद प्रभु सिंह के शव के साथ भी आंतकियों ने कायरना बर्बरतापूर्ण हरकत और शहादत की खबर फैलते ही समूचे क्षेत्र में शोक की लहर दौड़ गई।
शहीद को श्रद्धांजलि देने के लिए सेना और जिला प्रशासन के अधिकारी जनप्रतिनिधी भी पहुंचे। रोती-बिलखते परिवार को देख वहां खड़े हर शख्स की आंखें नम थीं। 

शहीद को सलाम करते हुए सेना के अधिकारी।

शहीद के पिता चंदन सिंह भी पूर्व सैनिक हैं। बेटे की शहादत पर उन्होंने पाकिस्तान को नापाक हरकत के लिए जमकर खरी खोटी सुनाई और कहा कि अभी भी उनमें दम है और वो दोबारा सेना में जाना चाहते हैं ताकि बेटे की शहादत का बदला ले सकूं।अपना इकलौता बेटा देश के लिए न्यौछावर कर दिया। मुझे बेटे की शहादत पर गर्व है। अब पाकिस्तान को मुंहतोड़ जवाब देना चाहिए,' यह कहना है पाकिस्तानी बर्बरता का शिकार शहीद जवान प्रभु सिंह के पिता का, जो अपने बेटे की शहादत को बेकार नहीं जाने देना चाहते।

माछिल सेक्टर में शहीद तीनों जवानों के घरों में मातम पसरा है, लेकिन फिर भी परिवार वाले हिम्मत हार के पाकिस्तान की कायरतापूर्ण हरकत का करारा जवाब देने के पक्ष में हैं। प्रभु सिंह राजस्थान में जोधपुर के रहने वाले थे। पाकिस्तानी सेना ने प्रभु सिंह का सिर काट कर फेंक दिया था। बीते एक महीने में यह दूसरी बार है जब पाकिस्तानी सेना ने भारतीय जवानों के साथ घृणित व्यवहार किया हो। शहीद जवानों में मनोज कुशवाहा शशांक सिंह भी शामिल हैं। ये दोनों उत्तर प्रदेश के रहने वाले

उनकी शहादत को वंदन करते हुए एक सादर काव्यांजलि पेश है

 शहीद परभू सिंघ राठौड़ रा


जबर झूंझियो जंग में , गरज घोर घमसांण !
खतरवट री खेवना , परभू थारे पांण !! ()

द्वारे आया देवगण. वैकुण्ठ लैण विमांण !
सुरगापुर में सरवरा , , परभू थारे पांण !! ()

कथै कविजन कीरती ,गाय अपछरां गांण !
कीरत हन्दा कामड़ा , , परभू थारे पांण !! ()

कुपवाडो कसमीर में ,माछिल धरा महांण !
गावे जस रा गीतड़ा ,परभू थारे पांण !! ()

शोणित बिंदव सींचिया . निरभै घुरै निसांण
भांण भळकतौ भारती, परभू थारे पांण !! ()

तीरंगो तगड़ो तण़क , अड़ै आज आसमांण
धवल धरा धिन धिन हुई, परभू थारे पांण !! ()

कुपवाडा में कौपियो , परतख दे परमांण !
रीत रुखाली रजवटां , परभू थारे पाणं !! ()

हीमाळै हलचल हुई ,उत्तर दिशां उफांण !
दुसमी पग पाछा दिया , परभू थारे पांण !! ()

कटियौ पण हटियौ कठे .ठावी राखण ठांण !
दमकै दूणौ देसड़ौ , परभू थारे पांण !! ()

गनमशीनांह गोळियां , तोपां दागी तांण !
साम्ही छाती सूरमौ , परभू थारे पांण !! (१०)

अरियां सूं अड़ियो अवल , कुल री राखण कांण !
अखियातां रहसी अमर , परभू थारे पांण !! (११)

सैल घमीड़ा सह गयो , बरछी भाला बांण !
सामधरम अर सूरता , परभू थारे पांण !! (१२)

रणचंडी रग रग रमी , सगती दे सैनांण !
अमरापुर रो आसरो , परभू थारे पांण !! (१३)

सीस समपियो सूरमै , दी धरा दुसमांण !
जस रा आखर जीवता , परभू थारे पांण !! (१४)

छेवट तूं छोड़ी नहीं , हेम धरा हिंदुआंण !
रणखेती राती रही , परभू थारे पांण !! (१५)

कर अँजस अरपण किया , परभू प्यारा प्राण !
महिमा भारी मुलक में , परभू थारे पांण !! (१६)

माथो दे मनवारियौ , माछिल रो मैदांण !
भूलै कदै भारती , परभू थारे पांण !! (१७)

नर नाहर निपजै निडर , खिरजा वाली खांण !
शेर सवायौ शेरगढ़ , परभू थारे पांण !! (१८)

शेर परगनौ शेरगढ़ , मरुधर धरा महांण !
जस व्हियौ चावो जगत , परभू थारे पांण !! (१९)

रगत रीत कायम रखी , पाछम धरा पिछांण !
चहुंओर चावी करी , परभू थारे पांण !! (२०)

रंग घणा है राठवड़ , माछिल का महिरांण !
केसरियो कसमीर में , परभू थारे पांण !! (२१)

नयण नीर मावै नहीं , बहुविध करूं बखांण !
भाग्या दुसमी भौम सूं , परभू थारे पांण !! (२२)

कायर री करतूत ने , देख रही दुनियांण !
मरजादा री मानता , परभू थारे पांण !! (२३)

ऊजळ दूध उजाळियो , आप हूय अगवांण !
गरवीजै बाँधव घणा , परभू थारे पांण !! (२४),

मैमा मूँडै मोकळी , घर घर में गुणगांण !
सँचरै निरभै देश सब , परभू थारे पांण !! (२५)



 रतनसिंहचाँपावतरणसीगाँव कृत

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