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ओम बन्ना की 28वीं पुण्यतिथि

ओम बन्ना की 28वीं पुण्यतिथि कल, उमड़ रही श्रद्धालुओं की भीड़

नेशनल हाईवे पर स्थित ओम बन्ना के स्थान पर हर वर्ष की भांति ओम बन्ना की 28 पुण्यतिथि की पूर्व संध्या परएक शाम ओम बन्ना के नामभजन संध्या का आयोजन होगा। जिसमें मशहूर भजन गायक अपने भजनों की शानदार प्रस्तुति देंगे। पुण्यतिथि के दिन सुबह से पूजा अर्चना के साथ महाप्रसादी का आयोजन होगा, जिसमें देशभर आस पास के श्रद्धालु बड़ी संख्या में शिरकत करेंगे। पुण्यतिथि से पूर्व ही श्रद्धालुओं का ओम बन्ना के स्थान पर बड़ी संख्या में आना शुरु हो गया है। श्रद्धालु ओम बन्ना के आगे शीश झुकाकर अपनी श्रद्धा व्यक्त कर रहे हैं। पुण्यतिथि को लेकर श्रद्धालुओं में उमंग का एक अलग ही माहौल बना हुआ है। पुण्यतिथि कार्यक्रम की तैयारियां जोरों से चल रही हैं। इस धार्मिक स्थल के चारों ओर साफ सफाई कर रंग रोगन किया जाकर स्थान को सजाया गया है। यहां पर दूर दराज से आने वाले श्रद्धालुओं के लिए ठहरने खाने पीने की व्यवस्थाओं में दिन रात भक्तगण जुटे हुए हैं। आयोजन को लेकर हो रही तैयारियों से रात का समय भी दिन सा दिखाई दे रहा है। पुण्यतिथि पर ओम बन्ना के पुत्र पराक्रम सिंह सहित भीम सिंह चोटिला, सोम सिंह चोटिला, मनोहरसिंह निंबली, हेमसिंह चोटिला, प्रहलाद सिंह बांडाई आदि बड़ी संख्या में भक्तगण शिरकत करेंगे।
 पुण्यतिथि के अवसर पर पाली, जोधपुर, जालोर सिरोही जिले सहित देशभर से श्रद्धालु यहां दर्शनार्थ पहुंचेंगे।
ओम बन्ना की 28वीं पुण्यतिथि





बाड़मेर जैसलमेर के ज़िला प्रशासन द्वारा चुतरसिंह हत्याकांड की सीबीआई जांच की जायज़ मांग को दबाने के लिए इंटरनेट सेवाएँ बाधित करने व धारा 144लगाने जैसे काम किये जा रहे है।
इस पुलिस किलिंग्स के ख़िलाफ़ हमारा यह आंदोलन हर परिस्थति में जारी रहेगा।आप सभी से अनुरोध है कि न्याय व नागरिक अधिकार व पुलिस अत्याचार के विरोध में 2जुलाई को भारी मात्रा में जैसलमेर ज़िला मुख्यालय पर भारी मात्रा में पधारें।













































Rajput Karni Sena Women Wings














जिन जातियो को क्षत्रिय राजपूतो से नफरत है वो..
जयपुर,जोधपुर,उदयपुर,जैसलमेर,बीकानेर,हरयाणा आदि
के साथ ही सैकड़ो शहरो के नाम बदल दे..
ध्यान वर्तमान भारत के सीमा वर्ती क्षेत्र और
पूर्व रियासते.. जैसलमेर,बीकानेर,जोधपुर,जम्मू,कच्छ
में राजपूत शाशन ना होता तो ये भी पाकिस्तान में
होते और आज क्षत्रिय राजपूत विरोधी हिन्दू टोपी
पहन कर कुरान पढ़ रहे होते
शायद इन क्षत्रिय राजपूतो ने गलती कर दी मुग़ल
तुर्को से लड़ाई कर के अपनी संस्कृति को बनाये रखा..
ङागरवा स्टेट अमरसिंहजी डाभी
वीर मोखडाजी ( गोहीलवाड )
वीर हमीरजी ( सोमनाथ )
बाप्पा रावल
नागभट प्रतिहार
मिहिरभोज प्रतिहार
राणा सांगा
राणा कुम्भा
वीर पृथ्वी राज चौहान
महाराणा प्रताप
रानी दुर्गावती
वीर जयमल
वीर छत्रशाल बुंदेला
दुर्गादास राठौर
मालदेव
छत्रपति शिवाजी
महाराणा राजसिंह
रानी कर्मावती
जाम नरपत
रानी पद्मनवती
विरमदेव सोनिगरा
राजा भोज
सुहेलदेव बैस
आनंदपाल तोमर
राजा हर्षवर्धन बैस
बन्दा सिंह बहादुर
ऐसे ही हजारो क्षत्रिय योद्धा जो हिंदुत्व के
लिए कुर्बान हो गए।
वीर कुंवर सिंह,आऊवा ठाकुर कुशाल सिंह,राणा
बेनीमाधव सिंह,चैनसिंह परमार,रामप्रसाद तोमर
बिस्मिल,ठाकुर रोशन सिंह,महावीर सिंह राठौर जैसे
महान क्षत्रिय क्रांतिकारी अंग्रेजो से लड़ते हुए
शहीद हो गए।
आजादी के बाद सबसे ज्यादा परमवीर चक्र क्षत्रिय
राजपूतो ने जीते।
शैतान सिंह भाटी,जदुनाथ सिंह राठौड़,पीरु सिंह
शेखावत,गुरुबचन सिंह सलारिया,संजय कुमार डोगरा
जैसे परमवीरो का बलिदान क्या भुला जा सकता
है????
आज भी
राजपूत रेजिमेंट,
राजपूताना
डोगरा रेजिमेंट,
गढ़वाल रेजिमेंट,
कुमायूं रेजिमेंट,
जम्मू कश्मीर रायफल्स के जवान सीमा पर दुश्मन
का फन कुचलने और गोली खाने के लिए सबसे आगे होते
हैं।
देश के एकीकरण के लिए हमने अपनी सैकडो
रियासते
कुर्बान कर दी,सारी जमीदारी कुर्बान कर दी,अपने
खजाने खाली कर दिए!!!!!
क्या इस त्याग को यूँ ही भुला दिया जाएगा???
क्षत्रिय राजपूत मतलब क्षत्रियो राजपुत्रः
गीता से लेकर रामायण तक में वर्णित है यहाँ
क्षत्रियो में
भगवान राम,
भगवान कृष्णा से लेकर..
महात्मा बुद्ध भगवान..
महावीर से लेकर सभी सभी तीर्थनकर
साथ ही लोकदेवता कल्ला जी बाबा रामदेव
गोगाजी कल्लाजी सहित सैकड़ो
लोकदेवता,जाम्भा जी
परमार(विश्नोई मत) हुएं
ये सब क्षत्रिय राजपूत थे,क्या इनको भी मानना
छोड़ दोगे ..
जय क्षत्रिय
जय क्षात्र-धर्म
नशा राजपुताना का
जय राजपुताना
आपको बताते हुए हर्ष हो रहा है की जय राजपुताना संघ परिवार और वीर क्षत्रिय राजपूत समिति हैदराबाद की हैदराबाद में 5/07/2015 रविवार को मीटिंग रखी गई है आप सभी हैदराबाद में बिराज रहे राजपूत भाई पधारे जिसमे December में 3 दिवसीय समर भूमि शिविर और शौर्य यात्रा रैली के आयोजन पर विचार विमर्श किया जायगा
जिसमे तलवार बाजी घुड़ सवारी साफा बाधना और राजपूती संस्कारो का ज्ञान आदि सिखाये जायँगे

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It is our hope that by providing a stage for cultural, social, and professional interaction, we will help bridge a perceived gap between our native land and our new homelands. We also hope that this interaction within the community will allow us to come together as a group, and subsequently, contribute positively to the world around us.