परमार वंश के गोत्र-प्रवरादि
प्रतिहार वंश के गोत्र-प्रवरादि
ParmarRajput
परमार वंश के गोत्र-प्रवरादि
राजपूत
वंश के गोत्र प्रवरादि आदि के बारे में सामन्य जानकारी।
राजपूत
वंशो के गोत्र प्रवरादि
राजपूत
वंश के गोत्र, शाखा, कुलदेविया
परमार वंश के गोत्र-प्रवरादि
वंश – अग्निवंश
कुल – सोढा परमार
गोत्र – वशिष्ठ
प्रवर – वशिष्ठ, अत्रि ,साकृति
वेद – यजुर्वेद
उपवेद – धनुर्वेद
शाखा – वाजसनयि
प्रथम राजधानी –
उज्जेन (मालवा)
कुलदेवी – सच्चियाय माता
इष्टदेव – सूर्यदेव महादेव
तलवार – रणतरे
ढाल – हरियण
निशान – केसरी सिंह
ध्वजा – पीला रंग
गढ – आबू
शस्त्र – भाला
गाय – कवली
वृक्ष – कदम्ब,पीपल
नदी – सफरा (क्षिप्रा)
पाघ – पंचरंगी
राजयोगी – भर्तहरी
संत – जाम्भोजी
पक्षी – मयूर
प्रमुख
गादी –
धार नगरी
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