देश के लिए शहादत एक परिवार के 11 लाेग देश सेवा में
देश के लिए शहादत एक परिवार के 11 लाेग देश सेवा में
खीरजां खास (जोधपुर)
से.पाकिस्तान की
फायरिंग में कुपवाड़ा
के माछिल सेक्टर
में शहीद हुए
राइफलमैन प्रभु सिंह का
परिवार 100 से ज्यादा
सालों से देश
के लिए शहादत
दे रहा है।
पहली शहादत सन्
1914 में उनके दादा
अचल सिंह के
दादा भभूत सिंह
के बेटे अजीत
सिंह ने दी
थी। फिर I वर्ल्डवार
में अचल सिंह
के भाई गुलशन
सिंह शहीद हुए
थे। तबसे अब
तक पांच पीढ़ियों
ने देश की
सेवा की। ऐसी
दरिंदगी पहले नहीं
देखी...
- प्रभु सिंह के
चाचा कैप्टन हरि
सिंह बताते हैं
कि हम पीढ़ियों
से दुश्मनों से
दो-दो हाथ
कर रहे हैं,
लेकिन ऐसी दरिंदगी
कभी नहीं सुनी।
- इधर, खीरजां खास में
उनके घर बुधवार
को बड़ी तादाद
में पहुंचे लोगों
ने परिवार को
ढांढस बंधाया।
- बालेसर और शेरगढ़
परगने में शोक
की लहर दौड़
गई। दोनों इलाकों
के सरकारी अौर
प्राइवेट स्कूलों में श्रद्धांजलि
सभाएं हुई और
बाजार बंद रहे।
30 जून को रिलीव
हो जाते, लेकिन
रिलीवर नहीं पहुंचा
- प्रभु सिंह जयपुर
यूनिट 13 राजपूताना राइफल्स में
तैनात थे। वे
2 साल के टर्नओवर
पर थे।
- उन्हें इस साल
30 जून को रिलीव
करने के आर्डर
हुए थे, लेकिन
रिलीवर के ज्वाइन
नहीं करने से
वे जम्मू में
सेवाएं दे रहे
थे।
- परिजनों ने बताया
कि रिलीवर पाकिस्तान
सेना के रवैये
के कारण जैसलमेर
सीमा पर तैनात
थे, इस कारण
नहीं पहुंचे। आॅर्डर
तो जून में
ही हो गए
थे।
पहली पीढ़ी
- महाराजा मानसिंह के काल
में प्रभु सिंह
के दादा अचल
सिंह के दादा
भभूतसिंह के बेटे
अजीत सिंह ने
पहली शहादत दी।
- फिर 1914
में उनके भाई
सरदार इन्फेंट्री में
घुड़सवार गुलशन सिंह ने
I वर्ल्ड वार में
अपनी जान दी।
दूसरे भाई भीम
सिंह, मोहब्बत सिंह,
विजय सिंह और
खुंभ सिंह खेती
करते थे।
दूसरी पीढ़ी
- खुंभ सिंह के
तीन बेटे पुंजराज
सिंह कलकत्ता में
जोधपुर रियासत के बॉडीगार्ड,
आईदान सिंह सरदार
इंफेंट्री में सिपाही
और जुगत सिंह
कलकत्ता में बॉडीगार्ड
रहे।
- मोहब्बत सिंह के
एक बेटे बुलिदान
सिंह भी सरदार
इन्फेंट्री में तैनात
थे।
तीसरी पीढ़ी
- पुंजराज सिंह के
3 बेटों ने अपने
पिता, दादा और
पड़दादा की परंपरा
काे निभ।
- लादू सिंह पूना
हॉर्सेज में तैनात
रहे। एक बेटा
खुशल सिंह सरदार
इन्फेंट्री में और
उनके भाई पदम
सिंह पनियर कोर्ट
में तैनात थे।
चौथी पीढ़ी
- पुंजराज सिंह के
भतीजे यानी प्रभु
सिंह के दादा
अचल सिंह सरदार
इन्फेंट्री में तैनात
रहे।
- उनके 4 बेटे गजे
सिंह, हरि सिंह,
उम्मेद सिंह और
प्रभु सिंह के
पिता चंद्र सिंह
भी सेना में
रहे।
- चंद्र सिंह 1979 से 1998 तक
पंजाब और सियाचीन
में तैनात रहे।
दो और बेटे
खींव सिंह व
शिवदान सिंह खेती
करते थे।
पांचवीं पीढ़ी
- वर्तमान में प्रभु
सिंह के चाचा
कैप्टन हरि सिंह
के बेटे त्रिलोक
सिंह आर्मी नायक
हैं।
- भतीजे शंभू सिंह
विशाखापटनम एयरफोर्स में तैनात
हैं। उम्मेदसिंह के
बेटे भैरु सिंह,
खींव सिंह के
बेटे देरावर सिंह
व शिवदान सिंह
का बेटे रिड़मल
सिंह भी सेना
में हैं।
एक दिन पहले
ही पिता को
फोन पर कहा
था- बहन की
शादी की तारीख
तय करने जनवरी
में आऊंगा
- बेटे के शहीद
होने की खबर
सुन पिता चंद्र
सिंह की हालत
बेसुध-सी हो
गई। पूर्व आर्मी
अफसर होने के
कारण वे ही
परिवार के अन्य
लोगों काे संभालते
दिखे।
- उन्हें मंगलवार को ही
बेटे के शहीद
होने की खबर
मिल गई थी,
लेकिन अब भी
हर आती-जाती
गाड़ी को देख
रहे हैं कि
शायद प्रभु आ
जाए।
- 20 नवंबर
की रात को
ही उनकी फोन
पर बात की
हुई। उसमें प्रभु
ने बताया कि
वह जनवरी में
बहन की शादी
की तारीख तय
करने घर आएगा,
लेकिन ईश्वर को
कुछ और ही
मंजूर था।
- बहन का रो-रोकर बुरा
हाल हो गया
है। बेसुध-सी
बहन को पिता
चंद्रसिंह बार-बार
दिलासा दे रहे
हैं। वहीं, प्रभु
सिंह की मासूम
बच्ची को भी
वे ही संभाल
रहे हैं।
- शहादत की खबर
के बाद से
ही शहीद की
पत्नी बेसुध है।
पहले डॉक्टर को
घर बुलाया और
फिर बालेसर हॉस्पिटल
में एडमिट करवाना
पड़ा।
चार बहनों का अकेला
भाई
- प्रभु सिंह नवरात्र
पर छुट्टी आए
थे। अपने घर
में मां भगवती
का जागरण कराया
था।
- सभी रिश्तेदारों को बुलाकर
मां भगवती की
ज्योत रखी। इसके
बाद 20 अक्टूबर को ड्यूटी
पर गए।
- उस वक्त भी
माता-पिता से
कहकर गए थे
कि जनवरी-फरवरी
में बहन की
शादी तय करने
आऊंगा। प्रभु सिंह के
चार बहनें हैं।
- तीन बहनों की शादी
हो चुकी है,
छोटी बहन की
शादी की तैयारियों
का वादा करके
गए थे।
दादा, चाचा व
भाई: एक परिवार
के 11 लाेग देश
सेवा में
- प्रभु सिंह के
दादा अचल सिंह
भारतीय सेना में
थे। अचल सिंह
के छह बेटों
में गजे सिंह,
हरि सिंह, उम्मेद
सिंह और चन्द्र
सिंह सेना में
थे। चंद्र सिंह
के बेटे थे
प्रभु सिंह।
- अचल सिंह के
दो बेटे खींव
सिंह एवं शिवदान
सिंह घर पर
ही है। छह
भाइयों में चन्द्र
सिंह के बेटे
प्रभु सिंह, हरि
सिंह का एक
पुत्र तिलोक सिंह
सेना में, शम्भू
सिंह भारतीय वायु
सेना में, उम्मेद
सिंह का बेटा
भैरो सिंह सेना
में, खींव सिंह
का बेटा अगर
सिंह सेना में,
शिवदान सिंह का
लड़का रिड़मल सिंह
सहित एक दादा
के परिवार के
कुल ग्यारह जने
सीमाओं पर तैनात
हुए।
- इनमें से प्रभु
सिंह ने मंगलवार
को शहादत दी।
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