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राजपूत वोट क्यों दें BJP को मैं यह पूछना चाहता हूं?

राजपूत वोट क्यों दें BJP को मैं यह पूछना चाहता हूं?

राजपूत वोट क्यों दें BJP को मैं यह पूछना चाहता हूं?


राजपूत भाई कृपया ध्यान दें काफी दिनों से मैं देख रहा हूं कि सोशल मीडिया पर राजपूतों में फूट डालने के लिए तरह-तरह के हथकंडे अपनाए जा रहे हैं तरह-तरह की उपमाएं दी जा रही है राजपूतों को कभी इस प्रकार की पोस्ट डाली जाती है की साजिश होती है जिस में राजपूत और रावणा राजपूत दोनों को लड़ाने का प्रयास किया जाता है कभी ऐसी पोस्ट आती है जिसमें हमारा एक संगठन दूसरे संगठन को गालियां दे रहा हो यह सब एक साजिश का हिस्सा है


  क्योंकि राजस्थान में चुनाव आ रहे हैं और वर्तमान सरकार यह चाह रही है किसी भी प्रकार से राजपूत समाज की एकता को तोड़ दिया जाए ताकि राजपूत वोट देने छिन्न-भिन्न हो जाए और यह है राजस्थान सरकार फिर से सत्ता में आ जाए अगर यह वर्तमान सरकार सत्ता में आ जाती है राजपूतों के लिए ठीक नहीं होगा कम से कम राजस्थान में तो ऐसा नहीं होना चाहिए कुछ लोग यह कहते हैं कि राजस्थान के राजपूत समाज को और करणी सेना को गालियां दे रहे हैं क्योंकि वह तो कांग्रेस को वोट दे रहे हैं इस तरीके के भड़काऊ उत्तेजित बातें बहुत लोग कर रहे हैं वह लोग राजपूत नहीं है वह लोग राजस्थान सरकार के द्वारा तैयार की गई सोशल मीडिया की टीम का हिस्सा है 


जिसका मकसद भ्रामक प्रचार करके राजपूत एकता को छिन्न-भिन्न करना है जातक की राजपूत जो राजस्थान के हैं उनको मुगल तक कहां जा रहा है अरे भाई वह एक स्वतंत्र अधिकार होता है हम यूपी के राजपूतों को तो नहीं करें कि आप कांग्रेस में वोट दो हम हिमाचल के राजपूतों को तो नहीं करें कि आप कांग्रेस में वोट दें हम बिहार के राजपूतों को तो नहीं कह रहे कि आप कांग्रेस में वोट दो हम पंजाब के राजपूतों को तो नहीं कहते कि आप कांग्रेस को वोट दो हर प्रदेश का अपना अलग मामला होता है यदि आपको किसी मामले की जानकारी नहीं है तो नहीं बोले वही तक उचित है


 हर प्रदेश की अपनी-अपनी कुछ घटनाएं होती है जो विरोध का कारण होती है राजस्थान का मामला उससे कुछ अलग है क्या राजस्थान का राजपूत दादा जसवंत सिंह जी के अपमान को भूल जाएगा


 क्या राजस्थान का राजपूत स्वर्गीय भैरों सिंह जी शेखावत के अपमान को भूल जाएगा



 क्या राजस्थान का राजपूत चतुर सिंह के फर्जी एनकाउंटर को भूल जाएगा 



क्या राजस्थान का राजपूत यह भी भूल जाएगा बाड़मेर में एक राजपूतों के कट्टर विरोधी व्यक्ति को टिकट दिया गया भारतीय जनता पार्टी के द्वारा जो कि पहले 30 साल तक कांग्रेस में था और जसवंत सिंह जी का टिकट काटने के लिए जसवंत सिंह की राजनीति को खत्म करने के लिए उस को टिकट दिया गया 

क्या हम एक गरीब परिवार के लड़के चतुर सिंह सोढा का जो फर्जी एनकाउंटर किया उसको भूल जाए 

क्या बात है स्वाति भाई आप कौन सा ऐसा अपराध उसने कर दिया जो उसका एनकाउंटर किया गया क्या राजपूत समाज आनंदपाल सिंह के एनकाउंटर को भी भूल जाएगा उस दौरान क्यों जो अत्याचार किए गए पुलिस और प्रशासन के द्वारा आम राजपूत पर क्या उसको भूल जाए समाज मैं यह पूछना चाहता हूं 




क्या राजपूत समाज इस बात को भी भूल जाए नागौर जिले में लाडनूं तहसील में छपरा गांव में एक बाईसा को किसी अपराधियों की वजह से आत्महत्या करनी पड़ी बड़ी शर्मनाक बात है कि वहां का विधायक राजपूत होने के बावजूद सत्तारूढ़ पार्टी का विधायक होने के बावजूद समाज की इस बेटी को आज तक इंसाफ नहीं मिला अपराधी आज भी घूम रहे हैं और अपराधी जाति विशेष से संबंधित है 


उसी जाति विशेष के अपराधियों के द्वारा सामराऊ में जोधपुर जिले के अंदर जो जगह आती है ओसियां तहसील में वहां निर्दोष एवं गरीब राजपूत परिवारों के घर जला दिए गए जिनका किसी घटना से कोई लेना-देना नहीं प्रशासन के नाको तले प्रशासन मोन था राजस्थान सरकार मोन थी जो लोग उस घटनाक्रम के लिए जिम्मेदार थे उस जाति विशेष के नेता जिन्होंने जिन लोगों ने इस घटना को अंजाम देने के लिए उत्तेजित भाषण दिए उनको भड़काया उन लोगों की आज तक गिरफ्तारी नहीं हुई 




क्योंकि राजस्थान सरकार को वोट चाहिए जाति विशेष के तो फिर वोट उस जाति विशेष से ही ले लो ना राजपूतों से आप क्यों अमीर करते हैं कि आप को वोट देंगे राजस्थान में राजपूत प्रदेश अध्यक्ष बनाने की बात थी भारतीय जनता पार्टी की तरफ से परंतु डर किस बात का के राजपूत प्रदेश अध्यक्ष बन गया तो वह जाति विशेष राजस्थान में नाराज हो जाएगी और BJP को वोट नहीं देगी तो नाराजगी का डर केवल जाति विशेष का ही है राजपूतों का नहीं है तो फिर राजपूत वोट क्यों दें BJP को मैं यह पूछना चाहता हूं 


पद्मावती फिल्म का आंदोलन चल रहा था अगर केंद्र सरकार चाहती तो यह फिल्म रोकी जा सकती थी परंतु नहीं रोकी गई मध्य प्रदेश के रीवा से भारतीय जनता पार्टी का सांसद राजपूत समाज के खिलाफ आपत्तिजनक टिप्पणी करता है लेकिन आज तक उस पर कोई कार्यवाही नहीं की गई भारतीय जनता पार्टी के द्वारा अगर अगर इसी प्रकार की टिप्पणी वह किसी दलित समाज पर कर देता या दलित समाज के महापुरुषों पर कर देता तो दलित वोट बैंक को खुश करने के लिए अब तक कभी से पार्टी का से बाहर का रास्ता दिखा दिया होता लेकिन भारतीय जनता पार्टी ने तो राजपूतों को अपना गुलाम समझ लिया और यह सोचने लग गई कि यह तो अपनी वोटर कहां जाएंगे इनके पास जाने के लिए जगह कहां है तो दूसरी पार्टी जिसको वोट नहीं देते वह भी हमारा साथ नहीं देती क्योंकि वह मानते कि यह राजपूत हमारा वोटर नहीं है तो मैं सभी राजपूत भाइयों से यह कहना चाहता हूं कि किसी भी राजनीतिक पार्टी का समर्थन करें लेकिन गुलामी की मानसिकता की हद तक नहीं ऐसा करना मूर्खतापूर्ण है


 अगर ऐसा करते रहे तो हम लोकतंत्र में कभी अपना स्थान नहीं बना पाएंगे कहीं राजपूत भाई हमारे करते हम तो अमुक पार्टी के समर्थक हम तो उसी को वोट देंगे हम उसको नहीं छोड़ सकते मैं उन लोगों से कहना चाहता हूं कि जिन राजनीतिक पार्टियों में अब यकीन रखते हैं उन राजनीतिक पार्टी में बहुत नेता ऐसे होंगे जिन लोगों ने रातोंरात पार्टियां बदल दी और MLA बल्कि बन गए सांसद बन गए तो आप किस दुनिया में जी रहे हो इस लोकतंत्र में उसी जाति उसी वर्ग की बात को सुना जाता है जो जाति जो वर्ग राजनीतिक पार्टियों में यह भय व्याप्त करने में कामयाब हो जाती है कि वह जाति किसी भी पार्टी को जीता सके हरा सके हर पार्टी ऐसी जाति का समर्थन करती है राजपूत इस मामले में बहुत पीछे हैं सोशल मीडिया पर 2 दिन से एक चीज और देख रहा हूं कुछ लोग लिख रहे हैं जो हमारी एकता को तोड़ना चाहते हैं कि चातक प्यासा मर जाएगा परंतु धरती का पानी नहीं पिएगा यानी राजपूतों के साथ कुछ भी होगा राजपूत बीजेपी को ही वोट देगा मैंने उसमें जवाब लिखा मेरा धरती पर इतना पानी बचा ही नहीं है कि चातक का नंबर आए यहां तो इंसानो के लिए पानी की समस्या है 


राजस्थान में तो वैसे ही पानी की कमी है सारा पानी तो कमल के फूल नहीं पी लिया और भाई चतुर सिंह के खून से भाई आनंदपाल सिंह के खून से सामराऊ में पीड़ित परिवारों के खून से इस कमल के फूल का रंग बहुत लाल हो गया है राजस्थान में पानी बहुत कम रह गया है यह कमल का फूल सूख जाएगा इसके पत्ते जनता के पांव तले कुचल दिए जाएंगे इंतजार है केवल 2018 दिसंबर के चुनाव का राजपूत समाज अपने मकसद में जरूर कामयाब होगा राजस्थान वसुंधरा मुक्त होकर रहेगा स्वाभिमान अमर रहे




तो मेरे राजपूत भाइयों सोशल मीडिया वालों पर ध्यान नहीं दे यह केवल साजिश है हमारी एकता को तोड़ने की और जैसे-जैसे चुनाव नजदीक आएंगे उसको तोड़ने के लिए तरह-तरह के ताने-बाने बुने जाएंगे इसलिए सावधान रहें सजग रहें अपनी एकता अपने संगठन अपनी ताकत को बनाए रखें और उप चुनाव जैसा ही रिजल्ट विधानसभा चुनाव में भी देना है आज जो नेता हमारे समाज के हमारे से अपील कर रहे हैं BJP को वोट देने के लिए उनसे पूछो समाज को जब उनकी जरूरत थी तब वह कहां थे अकेले सुखदेवसिंह लड़ रहे थे और साथ में कुछ संगठन के लोग जो समाज का नहीं वो किसी का नहीं चाहे किसी भी पार्टी का नेता आज लोकतंत्र का युग है इसमें सर गिनाए जाते हैं कटाए नहीं जाते आज लोकतंत्र के में जंग जीतनी है तो वोट की शक्ति का उपयोग करना  सीखना होगा यही हमारे में कमी है हम भावनाओं में बह जाते हैं पार्टियों के चक्कर में पड़ जाते हैं इन पार्टियों की वजह से समाज का कभी भला नहीं होने वाला राजनीतिक पार्टियों ने हमेशा राजपूतों का शोषण किया है चाहे कांग्रेस हो या बीजेपी हो राजनीति में समीकरण बदलते रहते हैं आज मित्र है कभी दुश्मन हो जाएगा कोई दुश्मन था मित्र हो जाएगा बदलते हुए वक्त के अनुसार चलिए और वोट की चोट मारना सीखिए 

किसी भी राजनीतिक पार्टी के मानसिक गुलाम मत बनिए कोई भी पार्टी कोई भी नेता हमारा तब तक है जब तक हमारा साथ देता है जो हमारे साथ नहीं हम भी उसके साथ में चाहे कोई भी पार्टी हो कोई भी नेता हो किसी भी पार्टी का समर्थन करना कोई बुरी बात नहीं परंतु समर्थन गुलामी की मानसिकता की हद तक करना मूर्खतापूर्ण हो सकता है समझदारी का काम नहीं चाहे कांग्रेस हमारे खिलाफ गलत काम करें या BJP कुछ लोग कहते हैं कि कांग्रेस ने 45 साल पहले हमारे साथ यह गलत किया मैं उनसे पूछना चाहता हूं 45 साल पहले की बात तो याद हम रखें लेकिन राजस्थान में 4 साल में हमारे साथ कितना गलत हुआ क्या उसको भूल जाएं ना हम 45 साल को भूल सकते हैं ना 4 साल को भूल सकते हैं कांग्रेस ने हमारे साथ गलत किया राजपूतों ने हमेशा कांग्रेस का विरोध किया इसका मतलब BJP को हमारे साथ गलत करने का ठेका मिल गया क्या कि वह चाहे जो करें फिर भी उसका समर्थन करें हाय हमने कभी किसी पार्टी के लिए स्थाई रूप से समर्थन करेंगे ना स्थाई रूप से उसका विरोध इस लोकतंत्र में राजा रानी के गर्भ से पैदा नहीं होता मतपेटी से पैदा होता है 


जो जाति जो वर्ग मतपेटी को भरने की क्षमता रखती है एक साथ में एक जगह एक साथ संगठित होकर मतदान करती है और किसी भी पार्टी को हराने या जिताने की क्षमता रखती है उसी की बात को माना जाता है लोकतंत्र में उसी की बात को सुना जाता है हमारे पास वोटों की दानों की मुट्ठी भरी हुई है तो सभी पार्टियों के कबूतर आगे पीछे आएंगे कांग्रेस वाला भी आ जाएगा BJP वाला भी आ जाएगा लेकिन मुट्ठी खाली है तो फिर वह कोई नहीं आने वाला जो भी हम राजपूत हैं उसको अपने दिमाग से बीजेपी या कांग्रेस की भावना दिमाग से निकाल ली होगी दूसरी जातियों से तो सीखो किस प्रकार वे लोग अपने सामाजिक आर्थिक हितों को लेकर संगठित है और उसी के अनुरूप मतदान करते हैं वह लोग किसी विचारधारा पर नहीं चलता किसी पार्टी के गुलाम नहीं बनते परंतु हम लोग पता नहीं किस ओर जा रहे हैं मैं हमें हमारे वर्तमान की चिंता है ना आने वाली पीढ़ी के भविष्य की चिंता यह कोई भी राजनीतिक पार्टी हो यह हमारे को तब तक नहीं मानेगी जब तक हम इनको अपनी  वोटबैंक की ताकत का एहसास नहीं करा पाएंगे 


बंदूक में चाहे कितने भी ज्यादा क्यों ना हो लेकिन उनकी उपयोगिता तभी है जब उस बंदूक को हम चलाना जानते हैं अगर चलाना ही नहीं जानते तो उसका कोई मतलब ही नहीं उसी प्रकार हमारे पास वोट बैंक की गोलियां तो बहुत है लेकिन सही निशाना  लगाना नहीं जानते और गोलियां बिखर जाती है इसलिए इस लोकतंत्र में हम महत्वहीन है और रहेंगे जब तक हम खुद अपना भला नहीं सोचेंगे और उसके अनुरूप मतदान नहीं करेंगे मैं राजपूत समाज से कहना चाहता हूं नेताओं के पीछे भागना छोड़ दो इन नेताओं के लिए समाज डिस्पोजल से ज्यादा कुछ नहीं है यानी यूज एंड थ्रो अब समाज को भी ऐसे नेताओं को डिस्पोजल की तरह काम में लेना चाहिए समाज को डिस्पोजल नहीं बनना है डिस्पोजल इन नेताओं को बनाना पड़ेगा तो काम चलेगा यानी यदि यह हमारे काम के नहीं तो हम भी इनके काम के नहीं समाज के समारोह में उन नेताओं को बुलाना छोड़ दो सामाजिक कार्यक्रम में बुलाना छोड़ दो जो समाज के काम के नहीं है समाज में उन्हीं लोगों का सम्मान होना चाहिए भले ही वह नेता ना हो जो समाज के लिए कुछ करते हैं समाज के लिए जिनका समर्पण है

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